Wednesday 5 August 2015

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Ye dekho

Tuesday 4 August 2015

Madhumeh yani Diebetes ;मधुमेह अथवा रक्त और पेशाब मे शक्कर की उपस्तिथि.


मधुमेह और उसके उपाय<!-- Begin BidVertiser code -->
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महुमेह को सामान्य भाषा में पेशाब में शक्कर (शुगर) आना भी कहते हैं| आजकल अधिकांश लोगों को मधुमेह की शिकायत हो सकती है| इससे रोगी का शरीर कांतिहीन हो जाता है| मधुमेह एक असाध्य रोग है| इसका इलाज करने से पहले रोगी को अपना पेट साफ कर लेना चाहिए|

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कारण

मनुष्य के शरीर में विभिन्न हारमोन तत्त्व बनते रहते हैं| लेकिन जब कभी इन्सुलिन नामक हारमोन उचित मात्रा में नहीं बनता तो भोजन के साथ ली जाने वाली शक्कर ठीक प्रकार से पाचन क्रिया की सीमा में नहीं आ पाती| इसके फलस्वरूप उसमें से शक्कर का कुछ अंश मूत्र के साथ बाहर आ जाता है| इससे हड्डियां खोखली तथा कमजोर पड़ जाती हैं| यह रोग वंशानुगत, अधिक मोटापा, हर समय बैठे रहने, अधिक स्त्री प्रसंग तथा जिगर की खराबी आदि के कारण हो जाता है|

पहचान

रोगी को बार-बार प्यास लगती है| भूख भी काफी लगती है| मूत्र त्याग करने की इच्छा बार-बार होती है, किन्तु हर बार मूत्र बहुत थोड़ी मात्रा में आता है| इससे रोगी के शरीर में छोटे-मोटे रोगों से रक्षा करने की शक्ति कम हो जाती है| शरीर में फोड़े-फुन्सी, खुजली, दाद आदि व्याधियां शुरू हो जाती हैं| यदि कभी घाव हो जाता है तो उसे भरने में काफी समय लगता है| यदि मधुमेह का रोग बार-बार हो जाता है तो रोगी को उच्च रक्तचाप भी रहने लगता है| इससे आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है|

नुस्खे

मूंगफली के आटे की रोटी सुबह के समय खानी चाहिए|सदाबहार पौधे की पांच पत्तियों के साथ चार कालिमिर्चें पीसकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करें|जामुन के पत्ते चबाने से मधुमेह का रोग कम होता है|5 ग्राम मेथीदाना तथा 5 ग्राम सूखा करेला - दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह के समय निहार मुंह पानी के साथ यह चूर्ण खा जाएं|जामुन की गुठली 10 ग्राम, गुड़मार बूटी 20 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 2 ग्राम - सबको पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह बिना कुछ खाए-पिए दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करें|सुबह के समय सात-आठ नीम की कोंपलें चबाकर पानी पिएं|प्रतिदिन दो बार एक चम्मच पिसी हुई हल्दी की फंकी मारकर ऊपर से पानी पी जाएं|प्रतिदिन सुबह के समय निहार मुंह ताजे आंवले का रस एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए|बेल के पत्तों का रस दो चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन पीने से मधुमेह के रोगी को काफी लाभ होता है|आम की दस-पन्द्रह कलियां नित्य भोजन के बाद चबानी चाहिए|जामुन की गुठली का चूर्ण 50 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम, गुड़मार बूटी 100 ग्राम तथा ग्वारपाठे का गूदा 100 ग्राम - सबको पीसकर चटनी बना लें| इसमें से प्रतिदिन एक चम्मच चटनी मट्ठे के साथ सेवन करें|गाजर का रस एक कप तथा पालक का रस आधा कप - दोनों को मिलाकर जरा-सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें|अनार का छिलका, बायबिड़ंग और असगंध - तीनों चीजें कूट-पीसकर रात्रि को दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करना चाहिए| यह मधुमेह का बहुत प्रसिद्ध नुस्खा है|

क्या खाएं क्या नहीं

मधुमेह के रोगी को अधिक चिन्ता, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि से बचना चाहिए| मानसिक अशान्ति इस रोग को बढ़ा देती है| प्रतिदिन शारीरिक व्यायाम तथा शरीर से अपना कार्य अवश्य करें| भोजन में सभी प्रकार के खाद्यान्न लें| लेकिन चीनी, गुड़, मिश्री, मीठे फल, चावल, आलू, मैदा, खोया, गाजर या सूजी का हलवा न खाएं| जौ तथा चने की रोटी और हरी सब्जियां बहुत फायदेमंद हैं| नीबू पानी, नारंगी का रस, गन्ने का रस तथा अनन्नास का रस सुबह-शाम पी सकते हैं| लेकिन यदि खांसी की शिकायत हो तो इन रसों का सेवन न करें| इसके साथ-साथ लाल मिर्च, प्याज, लहसुन, अमरूद, केला आदि का सेवन बिलकुल न करें| करेला, परवल, तरोई, लौकी, पालक, बैंगन, कच्चा केला एवं कच्चा पपीता मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है|
🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुवेँद्र सिंह
9466623519

gurde ki sujan or ilaj


गुर्दे की सूजनकारण और उपाय

कभी-कभी गुर्दे में खराबी के कारण गुर्दे (वृक्क) अपने सामान्य आकार से बड़े हो जाते हैंऔर उसमें दर्द होता है। इस तरह गुर्दे को फूल जाने को गुर्दे की सूजन कहते हैं। इसमें दर्दगुर्दे के स्थान से चलकर कमर तक फैल जाता है।
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लक्षण :

गुर्दे रोगग्रस्त होने से रोगी का पेशाब पीले रंग का होता है। इस रोग से पीड़ित रोगी का शरीर भी पीला पड़ जाता है, पलकेसूज जाती हैं, पेशाब करते समय कष्ट होता है, पेशाब रुक-रुककर आता, कभी-कभी अधिक मात्रा में पेशाब आता, पेशाब के साथ खून आता हैऔरपेशाब के साथ धातु आता (मूत्रघात) है। इस रोग से पीड़ित रोगी में कभी-कभी बेहोशी के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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भोजन तथा परहेज :

गुर्दे की सूजन से पीड़ित रोगी को भोजन करने के बाद तुरन्त पेशाब करना चाहिए। इससे गुर्दे की बीमारी, कमरदर्द, जिगर के रोग, गठिया, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि आदि अनेक बीमारियों से बचाव होता है।ज्यादा मात्रा में दूध, दही, पनीर व दूध से बनीकोई भी वस्तु न खाएं। इस रोग से पीड़ित रोगी को ज्यादा मांस, मछली, मुर्गा, ज्यादा पोटेशियम वाले पदार्थ, चॉकलेट, काफी, दूध, चूर्ण, बीयर, वाइन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।इस रोग में सूखे फल, सब्जी, केक, पेस्ट्री, नमकीन, मक्खन आदि नहीं खाना चाहिए।
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विभिन्न औषधियों से उपचार
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1. फिटकरी : भुनी हुई फिटकरी 1 ग्राम दिन में कम से कम 3 बार लेने से गुर्दे की सूजन दूर होती है।
2. दालचीनी : दालचीनी खाने से गुर्दे की बीमारी मिटती है।
3. सत्यानाशी : सत्यानाशी का दूध सेवन करने से गुर्दे का दर्द, पेशाब की परेशानी आदि दूर होती है।
4. तुलसी : छाया में सुखाया हुआ 20 ग्राम तुलसीका पत्ता, अजवायन 20 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इसके सेवन से गुर्दे की सूजन के कारण उत्पन्न दर्द व बैचनीदूर होती है।
5. नारंगी : सुबह नाश्ते से पहले 1-2 नांरगी खाकर गर्म पानी पीना चाहिए या नारंगी का रस पीना चाहिए। इससे गुर्दे की सूजन व अन्य रोग ठीक होता है। नारंगी गुर्दो को साफ रखने में उपयोगी होता है। गुर्दे के रोग में सेब और अंगूर का उपयोग करना भी लाभकारी होता है। गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिए सुबह खाली पेट फलों का रस उपयोग करें।
6. गाजर : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर के बीज 2 चम्मच 1 गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इससे पेशाब की रुकावट दूर होती है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।
7. बथुआ : गुर्दे के रोग में बथुआ फायदेमन्द होता है। पेशाब कतरा-कतरा सा आता हो या पेशाब रुक-रुककर आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
8. अरबी : गुर्दे के रोग और गुर्दे की कमजोरी आदि को दूर करने के लिए अरबी खाना फायदेमन्द होता है।
9. तरबूज : गुर्दे के सूजन में तरबूज खाना फायदेमन्द होता है।
10. ककड़ी : गाजर और ककड़ी या गाजर और शलजम का रस पीने से गुर्दे की सूजन, दर्द व अन्य रोग ठीक होते हैं। यह मूत्र रोग के लिए भी लाभकारी होता है।
11. आलू : गुर्दे के रोगी को आलू खाना चाहिए। इसमें सोडियम की मात्रा बहुत पायी जाती है औरपोटेशियम की मात्रा कम होती है।

12. चंदन : चंदन के तेल की 5 से 10 बूंद बताशे परडालकर दूध के साथ प्रतिदिन 3 बार खाने से गुर्दे की सूजन दूर होती है और दर्द शान्त होता है।

13. सिनुआर : सिनुआर के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम खाने से गुर्दे की सूजन मिटती है। साथ ही सिनुआर, करन्ज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म करके गुर्दे के स्थान पर बांधने से लाभ मिलता है।

14. हुरहुर : पीले फूलों वाली हुरहुर के पत्तों को पीसकर नाभि के बाएं व दाएं तरफ लेप करने से फायदा होता है।16. कलमीशोरा : कलमीशोरा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में गोखरू के काढ़े के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। यह गुर्दे की पथरी के साथ होने वाले दर्द को दूर करता है।

15. आम : प्रतिदिन आम खाने से गुर्दे की कमजोरीदूर होती है।18. मकोय : मकोय का रस 10-15 मिलीलीटर की मात्रामें प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे गुर्दे और मूत्राशय की सूजन व पीड़ा दूर होती है।

16. जंगली प्याज : कन्द का चूर्ण, ककड़ी के बीज और त्रिफला का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर आधा चम्मच दिन में 2 बार सुबह-शाम प्रतिदिन खिलाने से गुर्दे के रोग में आराम मिलता है।

17. मूली :गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो गया हो तो मूली का रस 20-40 मिलीलीटर दिन में 2से 3 बार पीना चाहिए।पेशाब में धातु का आना (मूत्राघात) रोग में मूली खाना लाभकारी होता है।मूली के पत्तों का रस 10-20 मिलीलीटर और कलमीशोरा का रस 1-2 मिलीलीटर को मिलाकर रोगी को पिलाने स

Monday 3 August 2015

safed balo ka ilaj

सफ़ेद बालों की समस्या से परेशान है .....!
* हर किसी को बाल काले ही अच्‍छे लगते हैं लेकिन जब यह बिना बुढापे के ही सफेद होने लगें तो दिल घबरा सा जाता है। पर आपको जानना होगा कि बाल सफेद क्‍यों हो जाते हैं वो भी तब जब हमारी खेलने खाने की उम्र होती है।
* जब बालों में मिलेनिन पिगमेंटेशन की कमी हो जाती है तब बाल अपना काला रंग खो देते हैं और सफेद हो जाते हैं।
* हांलाकि बालों का सफेद होना आज कल आम सी बात हो गई है इसलिये इसके लिये घबराना बिल्‍कुल नहीं चाहिये। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिसे आजमा कर आपके सफेद हो रहे बाल काले होने शुरु हो जाएगें....!
* बालों का असमय सफेद होना एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके लिए कई लोग कलर का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि कलर बालों को जड़ से कमजोर बना सकता है....!
* आंवले को न सिर्फ डाइट में शामिल करें बल्कि मेंहदी में मिलाकर इसके घोल से बालों की कंडिशनिंग करते रहें। चाहे तो आंवले को बारीक काट लें और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं।
* आमला हो या उसका पाउडर, दोनों ही बालों को काला करने में मददगार होते हैं। आमला का रस अगर बादाम के तेल में मिक्‍स कर के बालों में लगाया जाए तो बाल काले होगें।
* काली मिर्च के दानों को पानी में उबाल कर उस पानी को बाल धोने के बाद सिर में डालें। लंबे समय तक बालों में इस तरह करने से यह असर दिखाती है।
* सफेद हो चुके बालों को अगर आप ब्लैक टी या कॉफी के अर्क से धोएंगें तो आपके सफेद होते बाल दोबारा से काले होने लगेगें। ऐसा आप दो दिन में एक बार जरूर करें। काली चाय को बनाने के लिए पैन में पानी डालें, उसमें 2 चम्‍मच चाय की पत्‍ती डाल कर खौलाएं और जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसे छान कर बालों में लगाएं। इसे लगाने के बाद बालों में शैंपू न लगाएं वरना असर खत्‍म हो जाएगा।
* अपनी डाइट में कडी पत्‍ता शामिल करें। इसे आप चटनी के रूप में खा सकते हैं। इसको खाने से बालों का सफेद होना रुक जाएगा। दक्षिण भारतीय महिलाए सबसे जादा कड़ी पत्ते का प्रयोग करती है और उनके बाल असमय सफ़ेद नहीं होते है .
* बालों में एलोवेरा जेल लगाने से भी बालों का झडऩा और ‪#‎सफेद‬ होना बंद हो जाता है। इसके लिए आप एलोवेरा जेल में नींबू का रस बना कर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को बालों में लगाएं।
* हिना और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को बालों में लगाइये। इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार लगाने से ही ‪#‎बाल‬ काले होने लगते हैं।
* नहाने से कुछ देर पहले अपने बालों में ‪#‎प्याज‬ का पेस्ट लगायें। इससे आपके #सफेद बाल काले होने शुरू हो ही जाएंगे, बालों में चमक आएगी और साथ ही बालों का गिरना भी रुक जाएगा।
* भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट बना कर नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में एक घंटे के लिए लगाएं। फिर बालों को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लें|
* प्रतिदिन देशी गाय का दूध बालों में लगाने से बाल कुदरती तौर पर काले होने लगते हैं। ऐसा हफ्ते में एक दिन करें | गाय का शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी ‪#‎बालों‬ के सफेद होने की समस्या दूर होगी |
* नहाने से पहले कढ़ी पत्ते को नहाने के पानी में छोड़ दें और एक घंटे के बाद उस पानी से सिर धो लें। या फिर आंवले की तरह कढ़ी पत्ते को भी बारीक काटकर और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं। नारियल तेल को कडी पत्‍ता और आमला के साथ गरम करें। इस तेल को लगातार लगाने से बाल मजबूत होगें और उसका पुराना रंग वापस आ जाएगा।
* बालों को सफेद होने से रोकने के लिये बालों और सिर की त्‍वचा पर अम्‍लान का रस लगाएं। इससे बाल ज्‍यादा उगते हैं और वह शाइनी और कोमल होते हैं।Gurpreet

boost: hii frnds here we get more knowledge about health

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Sunday 2 August 2015