Monday 7 September 2015

boost: Liver ka ilaj

boost: Liver ka ilaj: यकृत का बढना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, (लिवर) यकृत में विकार पैदा हो जाने की ओर संकेत करता है। बढे हुए और शोथ युक्त लीवर के कोइ विशेष...

Safed pani ka ilaj


सफेद_पानी :- सफेद पानी नाशक पाँच नुस्खे मुलहठी 3-3 ग्राम शहद से दिन में दो बार रोज चाटें । अशोक की छाल का चूरन 2 ग्राम ताजे पानी से दिन में दो बार । पीपल के फल का चूरन में बराबर मिश्री युक्त चूरन 1 चम्मच पानी से लें । बरगद के फल का चूरन उपरोक्त विधि अनुसार बनाकर लें । लाजवंती बीज 1-1 ग्राम दिन में तीन बार दूध से लें । नोट :- नुस्खा कोई भी सेवन करो लेकिन इसके साथ - साथ गुप्तअंगों की सफाई बहुत जरूरी है । जितनी बार आप मूत्र त्याग करने जाएं नीम के पत्तों को उबालकर बने हुए जल से जरूर धोए । या 50 ग्राम फिटकरी 5 लीटर पानी में उबालकर बोतल में घोल कर रख लें ।इस से भी प्रक्षालन कर सकते है । धन्यवाद आपका अपना डाँ.ए.एस.चीमाँ,पंजाब ( Admin ) 08427355696

Liver ka ilaj


यकृत का बढना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, (लिवर) यकृत में विकार पैदा हो जाने की ओर संकेत करता है। बढे हुए और शोथ युक्त लीवर के कोइ विशेष लक्षण नहीं होते हैं। यह रोग लीवर के केन्सर,खून की खराबी,अधिक शराब सेवन, और पीलिया के कारण उत्पन्न हो सकता है। यहां मैं यकृत वृद्धि रोग के कुछ आसान उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं जिनके समुचित प्रयोग से इस रोग को ठीक किया जा सकता है। १) अजवाईन ३ ग्राम और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से लीवर-तिल्ली के सभी रोग ठीक होते हैं। २) .दो सन्तरे का रस खाली पेट एक सप्ताह तक लेने से लीवर सुरक्षित रहता है। ३) एक लम्बा बेंगन प्रतिदिन कच्चा खाने से लीवर के रोग ठीक होते हैं। ४) दिन भर में ३ से ४ लिटर पानी पीने की आदत डालें। ५) एक पपीता रोज सुबह खाली पेट खावें। एक माह तक लेने से लाभ होगा। पपीता खाने के बाद दो घन्टे तक कुछ न खावें। ६) कडवी सहजन की फ़ली,करेला, गाजर,पालक और हरी सब्जीयां प्रचुर मात्रा में भोजन में शामिल करें। ७) शराब पीना लीवर रोगी के लिये बेहद नुकसान कारक है। शराब पीना यकृत रोग में मौत को बुलावा देने के समान है। रोग से मुक्ति पाना है तो शराब को छोडना ही होगा। ८) चाय-काफ़ी पीना हानिकारक है। भेंस के दूध की जगह गाय या बकरी का दूध प्रयोग करें। ९) हरी सब्जी और दालें लाभप्रद हैं। १०) भोजन कम मात्रा में लें। तली-गली,मसालेदार चीजों से परहेज करें। ११) मुलहठी में लिवर को ठीक रखने के गुण हैं। पान खाने वाले मुलहटी पान में शामिल करें। १२) आयुर्वेदिक कुमारी आसव इस रोग की रोकथाम के लिए ही है,, कुमारी आसव रोज, भोजन उपरांत पानी के साथ लेवे l

Tuesday 1 September 2015

Haddi ka tutna


कलाई की स्केफोइड बोन का क्रेक या फ्रैक्चर ********************************* आमतौर पर किसी भी दुर्घटना में सबसे ज्यादा उलझन और परेशानी तब होती है, जब हथेली के बल गिरने के कारण कलाई की स्केफोइड बोन का क्रेक हो जाता है.यह फ्रेक्चर बच्चों सहित सभी उम्र के लोगों को दौड़ते या खेलते हुए या दो पहिया वाहन से दुर्घटनावश गिरने से हथेली के बल जमीन पर हो सकता है. अधिकाँश केसों में ठीक होने में छःमाह से एक साल तक लग जाता है.स्केफोइड बोन्स बहुत सी हड्डियों का कलाई पर एक समूह होता है जो कलाई की गतिशीलता को लचीला बनाये रखता है.इस क्रेक या फ्रेक्चर में आमतौर पर अंगूठे की जड़ में कलाई पर दर्द और सूजन हो जाती है, लेकिनअक्सर एक्सरे में कोई भी क्रेक भी नहीं दिखता है.लेकिन चोट के कई दिन बाद तक भी कलाई में दर्द होता रहता है. इस कारण डॉक्टर काफी दिनों तक दर्द और सूजन की दवाई देते रहते हैं. लेकिन फिर भी आराम नहीं मिलता है और व्यक्ति अपने घर औरऑफिस का काम करने में लाचारी अनुभव करता है.इस क्रेक का संकेत कई बार एक्सरे में 15 दिन से महीने भर में ही मिलता है, जिससे मरीज परेशान होता रहता है.कई बार बाद में भी एक्सरे में भी बहुत महीन क्रेक बड़ी मुश्किल से दिखता है. यह एक बहुत परेशानी वाली बात होती है, जिसमे मरीज महीनो तक बहुत दुःख पाता रहता है.कलाई की हर चोट में अगर सूजन और दर्द हो तो डॉक्टर को दिखा कर क्रेप बाँडेज जरुर लगा लेना चाहिये.एलोपैथी में हड्डी जोड़ने की कोई दवाई नहीं होती है. लेकिन अगर क्रेक या फ्रेक्चर मिले तो ऐसी परिस्थिति में किसी अच्छे डॉक्टर से हड्डी सेट करवा कर प्लास्टर बंधवा लेना चाहिए. फिर चेक एक्सरे जरुर करवाना चाहिये ताकि पता चल सके कि हड्डी ठीक से सेट हुई है या नहीं.इस तरह की दुर्घटना में शुरू से ही निम्नानुसार दवाई लेने से आप एलोपैथी की एंटीबायोटिक्स एवं अन्य कई तरह की दर्दनाशक दवाइयों से बच सकते हैं. Homeopath-: 1. सुबह Arnica 200 की 4-6 गोली चूसें (7 दिन के लिये) 2. दोपहर को Ruta 200 की 4-6 गोली चूसें (20 से 30 दिन के लिये) 3. रात्रि को Symphytum 200 की 4-6 गोली चूसें (20 से 30 दिन के लिये) 4. बच्चों को इन दवाइयों को potency 200 की जगह potency 30 में ही दें. 5. अगर हड्डी बराबर सेट हुई, या सिर्फ क्रेक हुआ होगा, तो इन दवाइयों को लेने से मरीज की सूजन और दर्द तीन-चार दिन में ही ख़त्म हो जायेगा. 6. इन दवाइयों को लेने से हर हालत में डॉक्टर द्वारा बताये समय से बहुत कम समय में हड्डी जुड़ जायेगी. इनके लेने से हड्डी को जोड़ने वाला केलस फार्मेशन हो जाता है. फिर भी एक्सरे करवाकर डॉक्टर की सलाह से ही प्लास्टर कटवायें. 7. कलाई की और उँगलियों की हड्डी टूटने पर छोटो-छोटी हड्डी होने से जुड़ने में ज्यादा समय लगता है. 8. बच्चों की हड्डी दस से पन्द्रह दिन में जुड़ जायेंगी. 9. वयस्कों की हड्डी 20-25 दिन और बुजुर्गों की 30-40 दिन में जुड़ जायेगी. 10. जबकि अधिकाँश प्रकरणों में डॉक्टर के अनुसार छः महीने से साल भर लग जाता है. 11. गंभीर मरीजों को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखाएँ. 12. जिन लोगो को किसी पुरानी दुर्घटना के कारण आज भी दर्द और सूजन रहती है, वे भी इन दवाइयों को उपरोक्तानुसार ले सकते हैं. 13. हड्डी न टूटी हो, फिर भी अगर किसी को किसी कारण मोंच आ गयी हो और दर्द और सूजन रहती है, वे भी इन दवाइयों को उपरोक्तानुसार ले सकते हैं. • शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा - 1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके Sulpher 200 को, फिर दोपहर को Arnica 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे Nox Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें. 2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में Psorinum 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें. 3. अगर कब्ज रहता हो तो सुबह Opium 30 एक खुराक और Nat Mur 30 रोज रात मे एक खुराक. 4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें. 5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें. 6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें. 7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें. 8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें. 9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें. 10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें. 11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये. 12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले कीरेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे। 13. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं। 14. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें. 15. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें.15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें. 16. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें. 17. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें. 18. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का को

Pani pine ke niyam

जल (पानी) सेवन के कुछ नियम आहार में जल को पेय आहार यानि जीवन रक्षक कहा गया है. इसे भोजन से भी ज्यादा महत्व दिया गया है ,इस कारण इस पर विषेश ध्यान दे तो अच्छा होगा । जल के बारे मे यूं तो सभी लोग जानते है पर.यहां कुछ अनुभविक जानकारियां देना चाहती हूँ। *एसीडिटी, अधिक गरमी का प्रभाव, विष विकार में ,अधिक श्रम ,तथा खाने के दो घंटे बाद,  शीतल जल पियें *जुकाम,पेट से संबंधित परेशानियां,श्वास से संबंधित परेशानियाँ ,हिचकी अधिक हो तो, जल को उबालकर (गुनगुना) ठंडाकर पियें।इस जल को दिनभर थोडा थोडा कर पियें *अरूचि ,जुकाम,बुखार ,मधुमेह से पीडित व्यक्ति ,उबाला जल ठंडाकर, थोडी थोडी मात्रा मे पीते रहें *एक बार में एक गिलास जल पीना चाहिये वरना अपच की परेशानी हो सकती है *चीनी या नया गुड मिला जल पीने से यदि कफ,यदि पहले से है तो और बढता है *मिश्री मिला जल पीने से पित्त नाश ,शुक्र वृद्धीहोतीहै * नया गुड़ जल में मिलाकर पीने से पेशाब में रूकावट दूर होती है *पुराना गुड जल मे मिलाकर पीने से पित्तनाश होता है *भोजन के तुरंत पहले व तुरंत बाद जल न पीये इससे अपच होता है।कारण भोजन को पचाने वाले रस को जल ठंडा व पतला करता है ,जिससे कब्ज,अपच होता है ।भोजन के दो घंटे बाद जल पीना बल वर्धक होता है *धूप से,शौच से,आने के तुरंत बाद जल न पिये अधिक आवश्यक हो तो थोडा सा जल पिये *सुबह सबेरे शौच से पहले ठंडा जल पियें अधिक ठंडा जल देर से पचता है, उबाल कर ठंडा किया जल जल्दी पचता है किसी मरीज को देना हो तो उबालकर ठंड़ा किया जल ही दें *प्य़ास लगे तो उसी समय जल पियें , जल हमेशा घूंट घूंट कर पीना चाहिये ,खडे होकर जल पीने से घुटना पकड़ लेता है जल हमेशा बैठकर ही पीना चाहिये *खाली पेट प्यास लगे तो, गुड़ खाकर जल पियें *रात मे नींद खुलने पर तुरंत जल पीने से जुकाम हो जाता है * जल पीकर तुरंत दौडना ,घुडसवारी आदि से बचें * जल शांत चित होकर पिये,अधिक शोक ,तनाव ,क्रोध की स्थिति मे न पियें * जल कभी लेटकर या अंधेरे मे न पियें * जल पीने के बाद पहली सांस नाक से न छोडकर मुंह से छोडें हर काम का एक नियम होता है अगर आप नियम के तहत करें तो हितकर होता है जल के साथ भी कुछ इसी तरह के नियम अपनायें जिससे आप तमाम व्याधियो से बचे रहेग1

Wednesday 5 August 2015

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Tuesday 4 August 2015

Madhumeh yani Diebetes ;मधुमेह अथवा रक्त और पेशाब मे शक्कर की उपस्तिथि.


मधुमेह और उसके उपाय<!-- Begin BidVertiser code -->
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महुमेह को सामान्य भाषा में पेशाब में शक्कर (शुगर) आना भी कहते हैं| आजकल अधिकांश लोगों को मधुमेह की शिकायत हो सकती है| इससे रोगी का शरीर कांतिहीन हो जाता है| मधुमेह एक असाध्य रोग है| इसका इलाज करने से पहले रोगी को अपना पेट साफ कर लेना चाहिए|

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कारण

मनुष्य के शरीर में विभिन्न हारमोन तत्त्व बनते रहते हैं| लेकिन जब कभी इन्सुलिन नामक हारमोन उचित मात्रा में नहीं बनता तो भोजन के साथ ली जाने वाली शक्कर ठीक प्रकार से पाचन क्रिया की सीमा में नहीं आ पाती| इसके फलस्वरूप उसमें से शक्कर का कुछ अंश मूत्र के साथ बाहर आ जाता है| इससे हड्डियां खोखली तथा कमजोर पड़ जाती हैं| यह रोग वंशानुगत, अधिक मोटापा, हर समय बैठे रहने, अधिक स्त्री प्रसंग तथा जिगर की खराबी आदि के कारण हो जाता है|

पहचान

रोगी को बार-बार प्यास लगती है| भूख भी काफी लगती है| मूत्र त्याग करने की इच्छा बार-बार होती है, किन्तु हर बार मूत्र बहुत थोड़ी मात्रा में आता है| इससे रोगी के शरीर में छोटे-मोटे रोगों से रक्षा करने की शक्ति कम हो जाती है| शरीर में फोड़े-फुन्सी, खुजली, दाद आदि व्याधियां शुरू हो जाती हैं| यदि कभी घाव हो जाता है तो उसे भरने में काफी समय लगता है| यदि मधुमेह का रोग बार-बार हो जाता है तो रोगी को उच्च रक्तचाप भी रहने लगता है| इससे आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है|

नुस्खे

मूंगफली के आटे की रोटी सुबह के समय खानी चाहिए|सदाबहार पौधे की पांच पत्तियों के साथ चार कालिमिर्चें पीसकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करें|जामुन के पत्ते चबाने से मधुमेह का रोग कम होता है|5 ग्राम मेथीदाना तथा 5 ग्राम सूखा करेला - दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह के समय निहार मुंह पानी के साथ यह चूर्ण खा जाएं|जामुन की गुठली 10 ग्राम, गुड़मार बूटी 20 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 2 ग्राम - सबको पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह बिना कुछ खाए-पिए दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करें|सुबह के समय सात-आठ नीम की कोंपलें चबाकर पानी पिएं|प्रतिदिन दो बार एक चम्मच पिसी हुई हल्दी की फंकी मारकर ऊपर से पानी पी जाएं|प्रतिदिन सुबह के समय निहार मुंह ताजे आंवले का रस एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए|बेल के पत्तों का रस दो चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन पीने से मधुमेह के रोगी को काफी लाभ होता है|आम की दस-पन्द्रह कलियां नित्य भोजन के बाद चबानी चाहिए|जामुन की गुठली का चूर्ण 50 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम, गुड़मार बूटी 100 ग्राम तथा ग्वारपाठे का गूदा 100 ग्राम - सबको पीसकर चटनी बना लें| इसमें से प्रतिदिन एक चम्मच चटनी मट्ठे के साथ सेवन करें|गाजर का रस एक कप तथा पालक का रस आधा कप - दोनों को मिलाकर जरा-सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें|अनार का छिलका, बायबिड़ंग और असगंध - तीनों चीजें कूट-पीसकर रात्रि को दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करना चाहिए| यह मधुमेह का बहुत प्रसिद्ध नुस्खा है|

क्या खाएं क्या नहीं

मधुमेह के रोगी को अधिक चिन्ता, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष आदि से बचना चाहिए| मानसिक अशान्ति इस रोग को बढ़ा देती है| प्रतिदिन शारीरिक व्यायाम तथा शरीर से अपना कार्य अवश्य करें| भोजन में सभी प्रकार के खाद्यान्न लें| लेकिन चीनी, गुड़, मिश्री, मीठे फल, चावल, आलू, मैदा, खोया, गाजर या सूजी का हलवा न खाएं| जौ तथा चने की रोटी और हरी सब्जियां बहुत फायदेमंद हैं| नीबू पानी, नारंगी का रस, गन्ने का रस तथा अनन्नास का रस सुबह-शाम पी सकते हैं| लेकिन यदि खांसी की शिकायत हो तो इन रसों का सेवन न करें| इसके साथ-साथ लाल मिर्च, प्याज, लहसुन, अमरूद, केला आदि का सेवन बिलकुल न करें| करेला, परवल, तरोई, लौकी, पालक, बैंगन, कच्चा केला एवं कच्चा पपीता मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है|
🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुवेँद्र सिंह
9466623519

gurde ki sujan or ilaj


गुर्दे की सूजनकारण और उपाय

कभी-कभी गुर्दे में खराबी के कारण गुर्दे (वृक्क) अपने सामान्य आकार से बड़े हो जाते हैंऔर उसमें दर्द होता है। इस तरह गुर्दे को फूल जाने को गुर्दे की सूजन कहते हैं। इसमें दर्दगुर्दे के स्थान से चलकर कमर तक फैल जाता है।
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लक्षण :

गुर्दे रोगग्रस्त होने से रोगी का पेशाब पीले रंग का होता है। इस रोग से पीड़ित रोगी का शरीर भी पीला पड़ जाता है, पलकेसूज जाती हैं, पेशाब करते समय कष्ट होता है, पेशाब रुक-रुककर आता, कभी-कभी अधिक मात्रा में पेशाब आता, पेशाब के साथ खून आता हैऔरपेशाब के साथ धातु आता (मूत्रघात) है। इस रोग से पीड़ित रोगी में कभी-कभी बेहोशी के लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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भोजन तथा परहेज :

गुर्दे की सूजन से पीड़ित रोगी को भोजन करने के बाद तुरन्त पेशाब करना चाहिए। इससे गुर्दे की बीमारी, कमरदर्द, जिगर के रोग, गठिया, पौरुष ग्रंथि की वृद्धि आदि अनेक बीमारियों से बचाव होता है।ज्यादा मात्रा में दूध, दही, पनीर व दूध से बनीकोई भी वस्तु न खाएं। इस रोग से पीड़ित रोगी को ज्यादा मांस, मछली, मुर्गा, ज्यादा पोटेशियम वाले पदार्थ, चॉकलेट, काफी, दूध, चूर्ण, बीयर, वाइन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।इस रोग में सूखे फल, सब्जी, केक, पेस्ट्री, नमकीन, मक्खन आदि नहीं खाना चाहिए।
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विभिन्न औषधियों से उपचार
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1. फिटकरी : भुनी हुई फिटकरी 1 ग्राम दिन में कम से कम 3 बार लेने से गुर्दे की सूजन दूर होती है।
2. दालचीनी : दालचीनी खाने से गुर्दे की बीमारी मिटती है।
3. सत्यानाशी : सत्यानाशी का दूध सेवन करने से गुर्दे का दर्द, पेशाब की परेशानी आदि दूर होती है।
4. तुलसी : छाया में सुखाया हुआ 20 ग्राम तुलसीका पत्ता, अजवायन 20 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इसके सेवन से गुर्दे की सूजन के कारण उत्पन्न दर्द व बैचनीदूर होती है।
5. नारंगी : सुबह नाश्ते से पहले 1-2 नांरगी खाकर गर्म पानी पीना चाहिए या नारंगी का रस पीना चाहिए। इससे गुर्दे की सूजन व अन्य रोग ठीक होता है। नारंगी गुर्दो को साफ रखने में उपयोगी होता है। गुर्दे के रोग में सेब और अंगूर का उपयोग करना भी लाभकारी होता है। गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिए सुबह खाली पेट फलों का रस उपयोग करें।
6. गाजर : गुर्दे के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर के बीज 2 चम्मच 1 गिलास पानी में उबालकर पीना चाहिए। इससे पेशाब की रुकावट दूर होती है और गुर्दे की सूजन दूर होती है।
7. बथुआ : गुर्दे के रोग में बथुआ फायदेमन्द होता है। पेशाब कतरा-कतरा सा आता हो या पेशाब रुक-रुककर आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुलकर आने लगता है।
8. अरबी : गुर्दे के रोग और गुर्दे की कमजोरी आदि को दूर करने के लिए अरबी खाना फायदेमन्द होता है।
9. तरबूज : गुर्दे के सूजन में तरबूज खाना फायदेमन्द होता है।
10. ककड़ी : गाजर और ककड़ी या गाजर और शलजम का रस पीने से गुर्दे की सूजन, दर्द व अन्य रोग ठीक होते हैं। यह मूत्र रोग के लिए भी लाभकारी होता है।
11. आलू : गुर्दे के रोगी को आलू खाना चाहिए। इसमें सोडियम की मात्रा बहुत पायी जाती है औरपोटेशियम की मात्रा कम होती है।

12. चंदन : चंदन के तेल की 5 से 10 बूंद बताशे परडालकर दूध के साथ प्रतिदिन 3 बार खाने से गुर्दे की सूजन दूर होती है और दर्द शान्त होता है।

13. सिनुआर : सिनुआर के पत्तों का रस 10 से 20 मिलीलीटर सुबह-शाम खाने से गुर्दे की सूजन मिटती है। साथ ही सिनुआर, करन्ज, नीम और धतूरे के पत्तों को पीसकर हल्का गर्म करके गुर्दे के स्थान पर बांधने से लाभ मिलता है।

14. हुरहुर : पीले फूलों वाली हुरहुर के पत्तों को पीसकर नाभि के बाएं व दाएं तरफ लेप करने से फायदा होता है।16. कलमीशोरा : कलमीशोरा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग 1 ग्राम की मात्रा में गोखरू के काढ़े के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। यह गुर्दे की पथरी के साथ होने वाले दर्द को दूर करता है।

15. आम : प्रतिदिन आम खाने से गुर्दे की कमजोरीदूर होती है।18. मकोय : मकोय का रस 10-15 मिलीलीटर की मात्रामें प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है। इससे गुर्दे और मूत्राशय की सूजन व पीड़ा दूर होती है।

16. जंगली प्याज : कन्द का चूर्ण, ककड़ी के बीज और त्रिफला का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर आधा चम्मच दिन में 2 बार सुबह-शाम प्रतिदिन खिलाने से गुर्दे के रोग में आराम मिलता है।

17. मूली :गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो गया हो तो मूली का रस 20-40 मिलीलीटर दिन में 2से 3 बार पीना चाहिए।पेशाब में धातु का आना (मूत्राघात) रोग में मूली खाना लाभकारी होता है।मूली के पत्तों का रस 10-20 मिलीलीटर और कलमीशोरा का रस 1-2 मिलीलीटर को मिलाकर रोगी को पिलाने स

Monday 3 August 2015

safed balo ka ilaj

सफ़ेद बालों की समस्या से परेशान है .....!
* हर किसी को बाल काले ही अच्‍छे लगते हैं लेकिन जब यह बिना बुढापे के ही सफेद होने लगें तो दिल घबरा सा जाता है। पर आपको जानना होगा कि बाल सफेद क्‍यों हो जाते हैं वो भी तब जब हमारी खेलने खाने की उम्र होती है।
* जब बालों में मिलेनिन पिगमेंटेशन की कमी हो जाती है तब बाल अपना काला रंग खो देते हैं और सफेद हो जाते हैं।
* हांलाकि बालों का सफेद होना आज कल आम सी बात हो गई है इसलिये इसके लिये घबराना बिल्‍कुल नहीं चाहिये। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिसे आजमा कर आपके सफेद हो रहे बाल काले होने शुरु हो जाएगें....!
* बालों का असमय सफेद होना एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके लिए कई लोग कलर का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि कलर बालों को जड़ से कमजोर बना सकता है....!
* आंवले को न सिर्फ डाइट में शामिल करें बल्कि मेंहदी में मिलाकर इसके घोल से बालों की कंडिशनिंग करते रहें। चाहे तो आंवले को बारीक काट लें और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं।
* आमला हो या उसका पाउडर, दोनों ही बालों को काला करने में मददगार होते हैं। आमला का रस अगर बादाम के तेल में मिक्‍स कर के बालों में लगाया जाए तो बाल काले होगें।
* काली मिर्च के दानों को पानी में उबाल कर उस पानी को बाल धोने के बाद सिर में डालें। लंबे समय तक बालों में इस तरह करने से यह असर दिखाती है।
* सफेद हो चुके बालों को अगर आप ब्लैक टी या कॉफी के अर्क से धोएंगें तो आपके सफेद होते बाल दोबारा से काले होने लगेगें। ऐसा आप दो दिन में एक बार जरूर करें। काली चाय को बनाने के लिए पैन में पानी डालें, उसमें 2 चम्‍मच चाय की पत्‍ती डाल कर खौलाएं और जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसे छान कर बालों में लगाएं। इसे लगाने के बाद बालों में शैंपू न लगाएं वरना असर खत्‍म हो जाएगा।
* अपनी डाइट में कडी पत्‍ता शामिल करें। इसे आप चटनी के रूप में खा सकते हैं। इसको खाने से बालों का सफेद होना रुक जाएगा। दक्षिण भारतीय महिलाए सबसे जादा कड़ी पत्ते का प्रयोग करती है और उनके बाल असमय सफ़ेद नहीं होते है .
* बालों में एलोवेरा जेल लगाने से भी बालों का झडऩा और ‪#‎सफेद‬ होना बंद हो जाता है। इसके लिए आप एलोवेरा जेल में नींबू का रस बना कर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को बालों में लगाएं।
* हिना और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को बालों में लगाइये। इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार लगाने से ही ‪#‎बाल‬ काले होने लगते हैं।
* नहाने से कुछ देर पहले अपने बालों में ‪#‎प्याज‬ का पेस्ट लगायें। इससे आपके #सफेद बाल काले होने शुरू हो ही जाएंगे, बालों में चमक आएगी और साथ ही बालों का गिरना भी रुक जाएगा।
* भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट बना कर नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में एक घंटे के लिए लगाएं। फिर बालों को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से धो लें|
* प्रतिदिन देशी गाय का दूध बालों में लगाने से बाल कुदरती तौर पर काले होने लगते हैं। ऐसा हफ्ते में एक दिन करें | गाय का शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी ‪#‎बालों‬ के सफेद होने की समस्या दूर होगी |
* नहाने से पहले कढ़ी पत्ते को नहाने के पानी में छोड़ दें और एक घंटे के बाद उस पानी से सिर धो लें। या फिर आंवले की तरह कढ़ी पत्ते को भी बारीक काटकर और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं। नारियल तेल को कडी पत्‍ता और आमला के साथ गरम करें। इस तेल को लगातार लगाने से बाल मजबूत होगें और उसका पुराना रंग वापस आ जाएगा।
* बालों को सफेद होने से रोकने के लिये बालों और सिर की त्‍वचा पर अम्‍लान का रस लगाएं। इससे बाल ज्‍यादा उगते हैं और वह शाइनी और कोमल होते हैं।Gurpreet

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Sunday 2 August 2015