Monday 7 September 2015

boost: Liver ka ilaj

boost: Liver ka ilaj: यकृत का बढना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, (लिवर) यकृत में विकार पैदा हो जाने की ओर संकेत करता है। बढे हुए और शोथ युक्त लीवर के कोइ विशेष...

Safed pani ka ilaj


सफेद_पानी :- सफेद पानी नाशक पाँच नुस्खे मुलहठी 3-3 ग्राम शहद से दिन में दो बार रोज चाटें । अशोक की छाल का चूरन 2 ग्राम ताजे पानी से दिन में दो बार । पीपल के फल का चूरन में बराबर मिश्री युक्त चूरन 1 चम्मच पानी से लें । बरगद के फल का चूरन उपरोक्त विधि अनुसार बनाकर लें । लाजवंती बीज 1-1 ग्राम दिन में तीन बार दूध से लें । नोट :- नुस्खा कोई भी सेवन करो लेकिन इसके साथ - साथ गुप्तअंगों की सफाई बहुत जरूरी है । जितनी बार आप मूत्र त्याग करने जाएं नीम के पत्तों को उबालकर बने हुए जल से जरूर धोए । या 50 ग्राम फिटकरी 5 लीटर पानी में उबालकर बोतल में घोल कर रख लें ।इस से भी प्रक्षालन कर सकते है । धन्यवाद आपका अपना डाँ.ए.एस.चीमाँ,पंजाब ( Admin ) 08427355696

Liver ka ilaj


यकृत का बढना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, (लिवर) यकृत में विकार पैदा हो जाने की ओर संकेत करता है। बढे हुए और शोथ युक्त लीवर के कोइ विशेष लक्षण नहीं होते हैं। यह रोग लीवर के केन्सर,खून की खराबी,अधिक शराब सेवन, और पीलिया के कारण उत्पन्न हो सकता है। यहां मैं यकृत वृद्धि रोग के कुछ आसान उपचार प्रस्तुत कर रहा हूं जिनके समुचित प्रयोग से इस रोग को ठीक किया जा सकता है। १) अजवाईन ३ ग्राम और आधा ग्राम नमक भोजन के बाद पानी के साथ लेने से लीवर-तिल्ली के सभी रोग ठीक होते हैं। २) .दो सन्तरे का रस खाली पेट एक सप्ताह तक लेने से लीवर सुरक्षित रहता है। ३) एक लम्बा बेंगन प्रतिदिन कच्चा खाने से लीवर के रोग ठीक होते हैं। ४) दिन भर में ३ से ४ लिटर पानी पीने की आदत डालें। ५) एक पपीता रोज सुबह खाली पेट खावें। एक माह तक लेने से लाभ होगा। पपीता खाने के बाद दो घन्टे तक कुछ न खावें। ६) कडवी सहजन की फ़ली,करेला, गाजर,पालक और हरी सब्जीयां प्रचुर मात्रा में भोजन में शामिल करें। ७) शराब पीना लीवर रोगी के लिये बेहद नुकसान कारक है। शराब पीना यकृत रोग में मौत को बुलावा देने के समान है। रोग से मुक्ति पाना है तो शराब को छोडना ही होगा। ८) चाय-काफ़ी पीना हानिकारक है। भेंस के दूध की जगह गाय या बकरी का दूध प्रयोग करें। ९) हरी सब्जी और दालें लाभप्रद हैं। १०) भोजन कम मात्रा में लें। तली-गली,मसालेदार चीजों से परहेज करें। ११) मुलहठी में लिवर को ठीक रखने के गुण हैं। पान खाने वाले मुलहटी पान में शामिल करें। १२) आयुर्वेदिक कुमारी आसव इस रोग की रोकथाम के लिए ही है,, कुमारी आसव रोज, भोजन उपरांत पानी के साथ लेवे l

Tuesday 1 September 2015

Haddi ka tutna


कलाई की स्केफोइड बोन का क्रेक या फ्रैक्चर ********************************* आमतौर पर किसी भी दुर्घटना में सबसे ज्यादा उलझन और परेशानी तब होती है, जब हथेली के बल गिरने के कारण कलाई की स्केफोइड बोन का क्रेक हो जाता है.यह फ्रेक्चर बच्चों सहित सभी उम्र के लोगों को दौड़ते या खेलते हुए या दो पहिया वाहन से दुर्घटनावश गिरने से हथेली के बल जमीन पर हो सकता है. अधिकाँश केसों में ठीक होने में छःमाह से एक साल तक लग जाता है.स्केफोइड बोन्स बहुत सी हड्डियों का कलाई पर एक समूह होता है जो कलाई की गतिशीलता को लचीला बनाये रखता है.इस क्रेक या फ्रेक्चर में आमतौर पर अंगूठे की जड़ में कलाई पर दर्द और सूजन हो जाती है, लेकिनअक्सर एक्सरे में कोई भी क्रेक भी नहीं दिखता है.लेकिन चोट के कई दिन बाद तक भी कलाई में दर्द होता रहता है. इस कारण डॉक्टर काफी दिनों तक दर्द और सूजन की दवाई देते रहते हैं. लेकिन फिर भी आराम नहीं मिलता है और व्यक्ति अपने घर औरऑफिस का काम करने में लाचारी अनुभव करता है.इस क्रेक का संकेत कई बार एक्सरे में 15 दिन से महीने भर में ही मिलता है, जिससे मरीज परेशान होता रहता है.कई बार बाद में भी एक्सरे में भी बहुत महीन क्रेक बड़ी मुश्किल से दिखता है. यह एक बहुत परेशानी वाली बात होती है, जिसमे मरीज महीनो तक बहुत दुःख पाता रहता है.कलाई की हर चोट में अगर सूजन और दर्द हो तो डॉक्टर को दिखा कर क्रेप बाँडेज जरुर लगा लेना चाहिये.एलोपैथी में हड्डी जोड़ने की कोई दवाई नहीं होती है. लेकिन अगर क्रेक या फ्रेक्चर मिले तो ऐसी परिस्थिति में किसी अच्छे डॉक्टर से हड्डी सेट करवा कर प्लास्टर बंधवा लेना चाहिए. फिर चेक एक्सरे जरुर करवाना चाहिये ताकि पता चल सके कि हड्डी ठीक से सेट हुई है या नहीं.इस तरह की दुर्घटना में शुरू से ही निम्नानुसार दवाई लेने से आप एलोपैथी की एंटीबायोटिक्स एवं अन्य कई तरह की दर्दनाशक दवाइयों से बच सकते हैं. Homeopath-: 1. सुबह Arnica 200 की 4-6 गोली चूसें (7 दिन के लिये) 2. दोपहर को Ruta 200 की 4-6 गोली चूसें (20 से 30 दिन के लिये) 3. रात्रि को Symphytum 200 की 4-6 गोली चूसें (20 से 30 दिन के लिये) 4. बच्चों को इन दवाइयों को potency 200 की जगह potency 30 में ही दें. 5. अगर हड्डी बराबर सेट हुई, या सिर्फ क्रेक हुआ होगा, तो इन दवाइयों को लेने से मरीज की सूजन और दर्द तीन-चार दिन में ही ख़त्म हो जायेगा. 6. इन दवाइयों को लेने से हर हालत में डॉक्टर द्वारा बताये समय से बहुत कम समय में हड्डी जुड़ जायेगी. इनके लेने से हड्डी को जोड़ने वाला केलस फार्मेशन हो जाता है. फिर भी एक्सरे करवाकर डॉक्टर की सलाह से ही प्लास्टर कटवायें. 7. कलाई की और उँगलियों की हड्डी टूटने पर छोटो-छोटी हड्डी होने से जुड़ने में ज्यादा समय लगता है. 8. बच्चों की हड्डी दस से पन्द्रह दिन में जुड़ जायेंगी. 9. वयस्कों की हड्डी 20-25 दिन और बुजुर्गों की 30-40 दिन में जुड़ जायेगी. 10. जबकि अधिकाँश प्रकरणों में डॉक्टर के अनुसार छः महीने से साल भर लग जाता है. 11. गंभीर मरीजों को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखाएँ. 12. जिन लोगो को किसी पुरानी दुर्घटना के कारण आज भी दर्द और सूजन रहती है, वे भी इन दवाइयों को उपरोक्तानुसार ले सकते हैं. 13. हड्डी न टूटी हो, फिर भी अगर किसी को किसी कारण मोंच आ गयी हो और दर्द और सूजन रहती है, वे भी इन दवाइयों को उपरोक्तानुसार ले सकते हैं. • शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा - 1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके Sulpher 200 को, फिर दोपहर को Arnica 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे Nox Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें. 2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में Psorinum 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें. 3. अगर कब्ज रहता हो तो सुबह Opium 30 एक खुराक और Nat Mur 30 रोज रात मे एक खुराक. 4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें. 5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें. 6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें. 7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें. 8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें. 9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें. 10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें. 11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये. 12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले कीरेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे। 13. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं। 14. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें. 15. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें.15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें. 16. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें. 17. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें. 18. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का को

Pani pine ke niyam

जल (पानी) सेवन के कुछ नियम आहार में जल को पेय आहार यानि जीवन रक्षक कहा गया है. इसे भोजन से भी ज्यादा महत्व दिया गया है ,इस कारण इस पर विषेश ध्यान दे तो अच्छा होगा । जल के बारे मे यूं तो सभी लोग जानते है पर.यहां कुछ अनुभविक जानकारियां देना चाहती हूँ। *एसीडिटी, अधिक गरमी का प्रभाव, विष विकार में ,अधिक श्रम ,तथा खाने के दो घंटे बाद,  शीतल जल पियें *जुकाम,पेट से संबंधित परेशानियां,श्वास से संबंधित परेशानियाँ ,हिचकी अधिक हो तो, जल को उबालकर (गुनगुना) ठंडाकर पियें।इस जल को दिनभर थोडा थोडा कर पियें *अरूचि ,जुकाम,बुखार ,मधुमेह से पीडित व्यक्ति ,उबाला जल ठंडाकर, थोडी थोडी मात्रा मे पीते रहें *एक बार में एक गिलास जल पीना चाहिये वरना अपच की परेशानी हो सकती है *चीनी या नया गुड मिला जल पीने से यदि कफ,यदि पहले से है तो और बढता है *मिश्री मिला जल पीने से पित्त नाश ,शुक्र वृद्धीहोतीहै * नया गुड़ जल में मिलाकर पीने से पेशाब में रूकावट दूर होती है *पुराना गुड जल मे मिलाकर पीने से पित्तनाश होता है *भोजन के तुरंत पहले व तुरंत बाद जल न पीये इससे अपच होता है।कारण भोजन को पचाने वाले रस को जल ठंडा व पतला करता है ,जिससे कब्ज,अपच होता है ।भोजन के दो घंटे बाद जल पीना बल वर्धक होता है *धूप से,शौच से,आने के तुरंत बाद जल न पिये अधिक आवश्यक हो तो थोडा सा जल पिये *सुबह सबेरे शौच से पहले ठंडा जल पियें अधिक ठंडा जल देर से पचता है, उबाल कर ठंडा किया जल जल्दी पचता है किसी मरीज को देना हो तो उबालकर ठंड़ा किया जल ही दें *प्य़ास लगे तो उसी समय जल पियें , जल हमेशा घूंट घूंट कर पीना चाहिये ,खडे होकर जल पीने से घुटना पकड़ लेता है जल हमेशा बैठकर ही पीना चाहिये *खाली पेट प्यास लगे तो, गुड़ खाकर जल पियें *रात मे नींद खुलने पर तुरंत जल पीने से जुकाम हो जाता है * जल पीकर तुरंत दौडना ,घुडसवारी आदि से बचें * जल शांत चित होकर पिये,अधिक शोक ,तनाव ,क्रोध की स्थिति मे न पियें * जल कभी लेटकर या अंधेरे मे न पियें * जल पीने के बाद पहली सांस नाक से न छोडकर मुंह से छोडें हर काम का एक नियम होता है अगर आप नियम के तहत करें तो हितकर होता है जल के साथ भी कुछ इसी तरह के नियम अपनायें जिससे आप तमाम व्याधियो से बचे रहेग1